What is UPSC in hindi, UPSC क्या है, UPSC का full form क्या है
What is UPSC in hindi, UPSC kya hai, UPSC ka full form kya hai: UPSC का full form Union Public Service Commission है। यह भारत की एक महत्वपूर्ण संस्था है जो सरकारी सेवाओं, जैसे IAS, IPS, और IFS के लिए परीक्षाएँ आयोजित करती है। इसकी स्थापना 1 अक्टूबर 1926 को हुई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। UPSC का मुख्य काम सरकारी पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करना है। हर साल UPSC Civil Services Exam आयोजित करता है, जो देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। यह परीक्षा तीन हिस्सों में होती है: Prelims, Mains और Interview। Prelims में दो पेपर होते हैं: सामान्य अध्ययन और CSAT (क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूड)। Mains में नौ पेपर होते हैं, जिसमें एक अनिवार्य विषय और एक वैकल्पिक विषय होता है, UPSC kya hai, UPSC ka full form kya hai।

UPSC का उद्देश्य सिर्फ योग्य उम्मीदवारों का चयन करना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि चयनित अधिकारी उच्चतम मानकों को बनाए रखें और देश की सेवा कर सकें। इसके अलावा UPSC कुछ और परीक्षाएँ भी आयोजित करता है, जैसे CDS और NDA, जो सेना में भर्ती के लिए होती हैं, UPSC kya hai, UPSC ka full form kya hai।
UPSC का इतिहास भारतीय प्रशासन में बहुत अहम है। इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर 1926 को हुई थी, जब ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में Public Service Commission की जरूरत महसूस की गई। पहले लोक सेवा परीक्षाएँ इंग्लैंड में होती थीं, जिससे भारतीयों के लिए भर्ती में कठिनाइयाँ आती थीं। 1919 के भारतीय शासन अधिनियम में इस आयोग की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया था। 1923 में लॉर्ड ली के नेतृत्व में एक रॉयल कमिशन बना, जिसने इस आयोग की स्थापना की जरूरत बताई, जिसके बाद 1926 में UPSC की शुरुआत हुई।
भारत के स्वतंत्र होने के बाद, 26 अक्टूबर 1950 को UPSC को संविधान द्वारा मान्यता दी गई और इसे एक स्वायत्त संस्था का दर्जा मिला। अब यह आयोग देश के प्रशासन में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
UPSC के वर्तमान अध्यक्ष कौन है
UPSC के वर्तमान अध्यक्ष प्रीति सूदन हैं, जिन्होंने 1 अगस्त 2024 को यह पद संभाला। प्रीति सूदन एक अनुभवी IAS अधिकारी हैं और वे 1983 बैच की आंध्र प्रदेश कैडर से हैं। इससे पहले, वे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में कार्य कर चुकी हैं और उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की शुरुआत की गई, जैसे ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘आयुष्मान भारत’।
प्रीति सूदन ने UPSC में सदस्य के रूप में 2022 से काम किया था। उनके पूर्ववर्ती, मनोज सोनी, ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए 2023 में अपने पद से इस्तीफा दिया था। उनका कार्यकाल 15 मई 2029 तक था, लेकिन वे 16 मई 2023 को UPSC अध्यक्ष बने थे और बाद में इस्तीफा देने के बाद प्रीति सूदन को अध्यक्ष बनाया गया।
मनोज सोनी के अध्यक्षता में UPSC ने कई सुधार किए और आयोग के कार्यों की समीक्षा की। उनका इस्तीफा उस समय चर्चा में आया जब पूजा खेडकर नामक एक परिवीक्षाधीन IAS अधिकारी से जुड़ा विवाद सामने आया, हालांकि सोनी ने कहा था कि उनका इस्तीफा उस विवाद से संबंधित नहीं था।
प्रीति सूदन के नेतृत्व में UPSC को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। वे अपने अनुभव और प्रशासनिक कौशल के लिए जानी जाती हैं, और उनके नेतृत्व में आयोग भर्ती प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए तत्पर रहेगा, UPSC ka adhyaksh kaun hai।
UPSC का क्या काम है
UPSC का मुख्य काम भारत सरकार के लिए विभिन्न सिविल सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करना है। इसमें प्रमुख सेवाएं जैसे IAS, IPS और IFS शामिल हैं। इसके अलावा, UPSC का कार्य संविधान के अनुच्छेद 320 के तहत निर्धारित किया गया है। आयोग सरकार को सिविल सेवाओं और विभिन्न पदों पर भर्ती, पदोन्नति, स्थानांतरण और अनुशासनिक मामलों पर सलाह देता है। यह भर्ती के नियम तैयार करने और उनका संशोधन करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, UPSC सिविल सेवकों के अनुशासनिक मामलों का निपटारा करता है और सरकार को इस संदर्भ में सलाह देता है। जब दो या दो से अधिक राज्य एक साथ भर्ती करना चाहते हैं, तो UPSC उन राज्यों के लिए संयुक्त भर्ती योजनाएं तैयार करने में मदद करता है। इस प्रकार, UPSC भारतीय प्रशासन के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, UPSC ka kya kaam hota hai।
UPSC के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है
UPSC के अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 316 के तहत होती है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करते हैं। UPSC की स्थापना 1 अक्टूबर 1926 को हुई थी, और यह भारत का प्रमुख केंद्रीय भर्ती निकाय है, जो विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। UPSC में एक अध्यक्ष और 10 सदस्य होते हैं, जिनमें से आधे सदस्य ऐसे होते हैं जिनका किसी लोक सेवा में कम से कम 10 वर्षों का अनुभव होता है। अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 6 साल होता है, या वे 65 साल की उम्र तक इस पद पर रह सकते हैं। यदि अध्यक्ष का पद खाली होता है या वह अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाते, तो राष्ट्रपति किसी सदस्य को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करते हैं, UPSC adhyaksh ki niyukti kaun karta hai।
UPSC कौन कौन सी परीक्षाएं आयोजित करता है
UPSC भारत में एक महत्वपूर्ण संस्था है, जो सरकारी सेवाओं के लिए परीक्षाएं आयोजित करती है। UPSC कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं कराता है, जो अलग-अलग सरकारी पदों पर उम्मीदवारों का चयन करती हैं।
मुख्य परीक्षाएं:
- सिविल सर्विसेज़ परीक्षा: यह परीक्षा IAS, IPS और IFS जैसे पदों के लिए होती है। यह तीन भागों में होती है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।
- इंजीनियरिंग सर्विसेज़ परीक्षा (ESE): यह इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए होती है, जो सरकारी इंजीनियरिंग पदों पर भर्ती के लिए होती है।
- IFS परीक्षा: यह वन विभाग में अधिकारियों की भर्ती के लिए होती है।
- CAPF परीक्षा: यह परीक्षा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सहायक कमांडेंट के पद के लिए होती है।
- IES और ISS परीक्षा: ये आर्थिक और सांख्यिकी सेवाओं में अधिकारियों के लिए होती हैं।
रक्षा सेवाओं की परीक्षाएं:
- NDA और Naval Academy परीक्षा: यह भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती के लिए होती है।
- CDS परीक्षा: यह परीक्षा रक्षा सेवाओं में अधिकारियों के लिए होती है।
अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाएं:
- CMS परीक्षा: यह चिकित्सा क्षेत्र में अधिकारियों की भर्ती के लिए होती है।
- Geo-Scientist परीक्षा: यह भूविज्ञान से जुड़े पदों के लिए होती है।
- SCRA परीक्षा: यह रेलवे में प्रशिक्षुओं की भर्ती के लिए होती है।
UPSC की इन सभी परीक्षाओं में बड़ी प्रतिस्पर्धा होती है और इनका उद्देश्य उन उम्मीदवारों का चयन करना है जो सरकारी सेवाओं में अच्छा काम कर सकें। इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक अच्छा अध्ययन तरीका और मेहनत की जरूरत होती है, UPSC kiska exam hota hai।
UPSC कैसे काम करता है
UPSC भारत में सिविल सेवाओं की भर्ती के लिए प्रमुख परीक्षा आयोजित करने वाली एक संवैधानिक संस्था है। इसकी स्थापना 1 अक्टूबर 1926 को हुई थी, और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। UPSC हर साल सिविल सर्विसेज़ परीक्षा आयोजित करता है, जिसमें IAS, IPS, और IFS जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन होता है। इस परीक्षा की प्रक्रिया तीन चरणों में होती है: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains), और साक्षात्कार (Interview)।
प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं: पहला सामान्य अध्ययन (200 अंक) और दूसरा CSAT (200 अंक), जिसमें उम्मीदवार को न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने होते हैं। मुख्य परीक्षा में नौ पेपर होते हैं, जिनमें भारतीय भाषा, अंग्रेजी, सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषयों के पेपर शामिल होते हैं। मुख्य परीक्षा में कुल 1750 अंक होते हैं, और इस परीक्षा के अंक सीधे अंतिम परिणाम पर असर डालते हैं। इसके बाद, जो उम्मीदवार मुख्य परीक्षा पास करते हैं, उनका साक्षात्कार लिया जाता है, जो 275 अंक का होता है। साक्षात्कार के अंक लिखित परीक्षा के अंकों के साथ जोड़कर अंतिम परिणाम तैयार किया जाता है।
UPSC की परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री होना जरूरी है। सामान्य वर्ग के लिए आयु सीमा 21 से 32 वर्ष होती है, और UPSC की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में मानी जाती है, जिसमें हर साल लाखों उम्मीदवार हिस्सा लेते हैं, UPSC kya hai, UPSC ka full form kya hai।
FAQs
UPSC Exam कितनी बार दे सकते हैं, UPSC ka exam kitni baar de sakte hain
UPSC की परीक्षा देने की संख्या आपके वर्ग पर निर्भर करती है। सामान्य वर्ग के लोग 6 बार, ओबीसी के लोग 9 बार और एससी/एसटी के लोग अनलिमिटेड बार दे सकते हैं, बस उनकी आयु सीमा 37 वर्ष तक होनी चाहिए।
क्या 12th के बाद UPSC के लिए Apply कर सकते हैं, Kya 12th ke baad UPSC kar sakte hai
नहीं, आप 12वीं के बाद UPSC के लिए आवेदन नहीं कर सकते। UPSC की परीक्षा में बैठने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री प्राप्त करनी होती है। इसके बाद ही आप UPSC परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
UPSC की तैयारी में कितना खर्च आता है, UPSC ki taiyari me kitna paisa lagta hai
UPSC की तैयारी में खर्च आपके विकल्पों पर निर्भर करता है। अगर आप कोचिंग क्लास लेते हैं, तो उसकी फीस 50,000 से 1,50,000 रुपये तक हो सकती है। किताबों और ऑनलाइन संसाधनों पर भी खर्च होता है। कुल मिलाकर, UPSC की तैयारी में 1 लाख से 3 लाख रुपये तक खर्च हो सकते हैं।
UPSC का फॉर्म भरने में कितना पैसा लगता है
UPSC का फॉर्म भरने के लिए अलग-अलग शुल्क होते हैं। सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए 100 रुपये शुल्क है, जबकि एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी और महिलाओं के लिए यह शुल्क मुफ्त है। प्रीलिम्स के लिए 100 रुपये और मेन्स के लिए 200 रुपये का शुल्क होता है, UPSC kya hai, UPSC ka full form kya hai।